आधार कार्ड का उपयोग करके ₹2.50 लाख तक का त्वरित ऋण पाना 2025 में संभव है, लेकिन इसके लिए सही प्रक्रिया और योग्यता को समझना जरूरी है। वर्तमान समय में कई डिजिटल ऋणदाता और बैंक्स मिनिमम दस्तावेजों के साथ छोटे व्यक्तिगत ऋण प्रदान कर रहे हैं, जहां आधार कार्ड प्रमुख KYC दस्तावेज के रूप में काम करता है।
सबसे पहले, यह जान लें कि सिर्फ आधार कार्ड नंबर देकर कोई भी वैध संस्थान ऋण नहीं देता। आधार कार्ड के साथ-साथ आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और बैंकिंग इतिहास की भी जांच की जाएगी। 2025 में, इंस्टेंट पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स जैसे कि क्रेडमुड्रा, मनीटैप, या बैंकों की अपनी डिजिटल लोन सुविधाएं (जैसे एचडीएफसी का इंस्टा लोन या आईसीआईसीआई का पर्सनल लोन) इस प्रक्रिया को आसान बना रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर आपको अपना आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट डिटेल्स लिंक करने होंगे।
प्रक्रिया काफी सरल है – पहले आपको किसी विश्वसनीय ऋणदाता के ऐप या वेबसाइट पर जाकर अपना बेसिक डिटेल्स भरना होगा। इसके बाद आपके आधार कार्ड से लिंक्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा जिससे आपकी पहचान सत्यापित होगी। फिर सिस्टम आपके बैंक स्टेटमेंट और सिबिल स्कोर को डिजिटल तरीके से चेक करेगा। यदि आपका क्रेडिट स्कोर 650+ है और नियमित आय का स्रोत है, तो ₹2.50 लाख तक का ऋण कुछ ही मिनटों में मंजूर हो सकता है।
ध्यान रखें कि बिना किसी अग्रिम शुल्क के ही आवेदन करें। किसी भी प्लेटफॉर्म से “प्रोसेसिंग फीस” के नाम पर पैसे मांगे जाने पर सतर्क हो जाएं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि सीधे बैंकों की ऑफिशियल वेबसाइट या आरबीआई-अनुमोदित ऋण ऐप्स का ही उपयोग करें। साथ ही, छोटी अवधि के लिए मिलने वाले इन ऋणों पर ब्याज दरें (12-24% प्रति वर्ष) अधिक हो सकती हैं, इसलिए ऋण लेने से पहले EMI की गणना जरूर कर लें।
यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है या बैंकिंग इतिहास नया है, तो आप सरकारी योजनाओं जैसे मुद्रा लोन (शिशु/किशोर श्रेणी) के लिए आवेदन कर सकते हैं, जहां ₹50,000 से ₹2 लाख तक का ऋण आधार कार्ड और बेसिक दस्तावेजों पर उपलब्ध होता है। इन योजनाओं में ब्याज दरें भी कम होती हैं और सब्सिडी का लाभ मिलता है।
अंतिम सलाह यह कि कभी भी किसी अज्ञात स्रोत से ऋण लेने के लिए अपना आधार या पैन कार्ड की डिटेल्स शेयर न करें। आधार आधारित ऋण की वास्तविक प्रक्रिया में हमेशा आपके आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर पर OTP सत्यापन की आवश्यकता होती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।