जैविक खाद सब्सिडी योजना 2025: जैविक खाद बनाने पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

15 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है। “जैविक खाद बनाने पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी” के तहत अब किसानों को अपने खेतों में जैविक खाद (Organic Desi Khad) तैयार करने पर सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य देश में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

जैविक खाद सब्सिडी योजना 2025: मुख्य बिंदु

  • किसानों को जैविक खाद बनाने के लिए 50% तक की सब्सिडी मिलेगी।

  • यह योजना सभी छोटे और बड़े किसानों के लिए लागू होगी।

  • सरकार की मंशा है कि 2025-26 तक 10 लाख किसान इस योजना से जुड़ें।

  • जैविक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जाएगी।

जैविक खाद सब्सिडी योजना के लाभ

✅ मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी – जैविक खाद से जमीन लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहेगी।
✅ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी – किसानों को महंगे केमिकल फर्टिलाइजर्स से छुटकारा मिलेगा।
✅ स्वस्थ फसल और बेहतर उत्पादन – जैविक खाद से उगाई गई फसलें पोषक तत्वों से भरपूर होंगी।
✅ पर्यावरण संरक्षण – रासायनिक खादों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।

कैसे मिलेगी जैविक खाद बनाने पर सब्सिडी?

  1. पंजीकरण: किसानों को सबसे पहले कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।

  2. प्रशिक्षण: पंजीकृत किसानों को जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

  3. सब्सिडी स्वीकृति: योजना के तहत मंजूरी मिलने के बाद किसानों के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी राशि जमा की जाएगी।

  4. खाद निर्माण: किसान गोबर, कंपोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट आदि से जैविक खाद तैयार कर सकेंगे।

कितनी मिलेगी सब्सिडी?

जैविक खाद प्रकार अधिकतम सब्सिडी (प्रति यूनिट)
वर्मीकम्पोस्ट ₹10,000
गोबर आधारित खाद ₹8,000
जैविक कंपोस्ट ₹6,000
हरी खाद (Green Manure) ₹5,000

योजना के लिए पात्रता  

  • किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।

  • आवेदक का आधार कार्ड और भूमि के कागजात जरूरी हैं।

  • लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

  • पहले से ही जैविक खेती कर रहे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

जैविक खाद बनाने की विधियाँ

1. वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद)

  • इसमें केंचुओं की मदद से जैविक कचरे को उत्तम खाद में बदला जाता है।

  • सब्सिडी: ₹10,000 तक।

2. गोबर खाद

  • गोबर, पत्तियों और फसल अवशेषों को सड़ाकर तैयार किया जाता है।

  • सब्सिडी: ₹8,000 तक।

3. हरी खाद (Green Manure)

  • मूंग, उड़द या ढेंचा जैसी फसलों को जमीन में दबाकर खाद बनाई जाती है।

  • सब्सिडी: ₹5,000 तक।

जैविक खाद सब्सिडी योजना से जुड़े FAQs

1. क्या यह योजना पूरे भारत में लागू है?

हां, यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होगी।

2. क्या बड़े किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

हां, छोटे और बड़े दोनों प्रकार के किसान इस योजना के पात्र हैं।

3. सब्सिडी राशि कैसे मिलेगी?

सब्सिडी राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

4. क्या जैविक खाद बेचने पर भी सब्सिडी मिलेगी?

नहीं, यह सब्सिडी केवल खाद बनाने के लिए दी जाएगी, बेचने के लिए नहीं।

निष्कर्ष

सरकार की “जैविक खाद बनाने पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी” योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इससे न केवल खेती की लागत कम होगी, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ेगी। अगर आप भी जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।

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