आधार कार्ड के माध्यम से 10 लाख रुपये का ऋण और 35% सब्सिडी का दावा करने वाले विज्ञापनों से सावधान रहने की जरूरत है। सरकार द्वारा संचालित कुछ विशेष योजनाओं को छोड़कर, आमतौर पर कोई भी वित्तीय संस्थान सिर्फ आधार कार्ड के आधार पर इतनी बड़ी राशि का ऋण नहीं देता। अक्सर यह देखा गया है कि कुछ अनाधिकृत वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप इस तरह के आकर्षक ऑफर देकर लोगों को लुभाते हैं, लेकिन वास्तविकता में यह धोखाधड़ी या अत्यधिक ब्याज दरों वाले ऋण हो सकते हैं।
सरकार की कुछ योजनाएं जैसे कि मुद्रा लोन योजना, स्टैंड-अप इंडिया योजना, या प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत छोटे व्यवसायियों और उद्यमियों को सब्सिडी के साथ ऋण प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं में आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में काम करता है, लेकिन सिर्फ आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं होता। इनके लिए व्यवसाय योजना, आय प्रमाण, बैंक विवरण और अन्य जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
35% सब्सिडी का दावा करने वाले ऑफर को समझने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि सरकार द्वारा कुछ विशेष श्रेणियों जैसे कि महिला उद्यमी, एससी/एसटी समुदाय के लोग, या ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे कारोबारियों को सहायता दी जाती है। इन योजनाओं में ब्याज की एक हिस्सेदारी सरकार द्वारा वहन की जाती है, जिससे ऋण लेने वाले को कम बोझ उठाना पड़ता है। लेकिन यह सुविधा केवल पात्र उम्मीदवारों को ही मिलती है और इसके लिए विस्तृत आवेदन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
यदि कोई व्यक्ति या व्यवसायी वास्तव में ऐसे ऋण की तलाश में है, तो सबसे पहले आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या मान्यता प्राप्त बैंकों से संपर्क करना चाहिए। किसी भी तीसरे पक्ष के ऐप या एजेंट पर भरोसा करने से पहले उनकी विश्वसनीयता की जांच कर लेनी चाहिए। कई बार लोग ऑनलाइन फॉर्म भरते समय अपनी निजी जानकारी जैसे आधार नंबर, पैन कार्ड डिटेल्स और बैंक खाते की जानकारी साझा कर देते हैं, जिसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।
वित्तीय साक्षरता का अभाव कई बार लोगों को ऐसे झांसे में डाल देता है। इसलिए, किसी भी ऋण योजना का लाभ उठाने से पहले उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करें और आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करें। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में आवेदन करने के लिए सीधे बैंक शाखाओं, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों या सरकारी पोर्टल्स का उपयोग करना सबसे सुरक्षित तरीका है। ध्यान रखें कि वास्तविक सरकारी योजनाओं में कभी भी अग्रिम शुल्क या कमीशन की मांग नहीं की जाती।